अक्षय कुमार अगले महीने 6 अक्तूबर को अपनी नई फिल्म ‘मिशन रानीगंज’ लेकर आ रहे हैं। इस फिल्म में उन्होंने स्वर्गीय सरदार जसवंत सिंह गिल का रोल निभाया है। वो एक कोल माइनिंग ऑफिसर थे। जसवंत सिंह अमृतसर जिले के सथियाला के रहने वाले थे। उनका जन्म 22 नवंबर, 1937 को हुआ था।
उन्होंने 1989 में पश्चिम बंगाल के रानीगंज में कोयला खदान ढहने के दौरान अकेले ही 65 मजूदरों की जान बचाई थी। यह सबसे सफल कोल माइन रेस्क्यू साबित हुआ जो 48 घंटों तक चला था। उस समय जसवंत कोल इंडिया लिमिटेड के चीफ इंजीनियर थे। उन्होंने एक मैटल की कैप्सूल पासे के इलाके की फैक्ट्री से बनवाई थी और वो खुद इसमें घुसकर खादान के अंदर गए थे जहां मजदूर फंसे थे।
वहां से उन्होंने इस कैप्सूल में एक एक करके मजदूरों को बाहर भेजना शुरू किया। ये काम रात के 2.30 बजे शुरू हुई था। सबसे पहले उन्होंने ज्यादा जख्मी और जो ऑक्सीन की कमी महसूस कर रहे थे, उन मजदूरों को ऊपर भेजा। एक एक करके सभी मजदूरों को ऊपर भेजने के बाद जसवंत सिंह गिल खुद अगले दिन सुबह 8.30 बजे उस कैप्सूल से बाहर आए। इस कैप्सूल को नीचे भेजा जाता था और जैसे ही नीचे एक आदमी इसमें घुसता था, जसवंत अपने साथ ले गए हथौड़े से कैप्सूल पर आवाज करके ऊपर इशारा देते थे कि अब कैप्सूल ऊपर खींच ली जाए। इस तरह से सबकी जान बच बाई।
इस काम के बाद जसवन्त सिंह गिल को 1991 में भारत के माननीय राष्ट्रपति से भारत का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार, ‘सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक’ मिला। उन्हें “वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स” और “लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स” से भी सम्मानित किया गया था। ऑल इंडिया ह्यूमन राइट्स काउंसिल ने उन्हें 2022 के लिए ‘लीजेंड ऑफ बंगाल’ पुरस्कार दिया था, और देश में युवाओं को प्रोत्साहित करने वाले एक बिजनेस प्लेटफॉर्म पर आरएन टॉक्स एलएलपी ने उन्हें 2023 के लिए ‘विवेकानंद करमवीरा’ पुरस्कार दिया।
अक्षय कुमार अब जसवंत सिंह गिल बनकर आ रहे हैं। फिल्म का ट्रेलर काफी शानदार है। फिल्म में अक्षय कुमार के अलावा परिणीति चोपड़ा, कुमुद मिश्रा, पवन मल्होत्रा और अनंत महादेवन जैसे स्टार्स भी शामिल है। फिल्म को टीनू देसाई सुरेश ने डायरेक्ट किया है।