Gullak 4: अमन मिश्रा के असली पिता करते थे टेंट का बिजनेस, हर्ष ने एक्टिंग करके पुलिस वालों को ऐसे बनाया था बेवकूफ

Harsh Mayar

सोनी लिव (Sony Liv) की सीरीज गुल्लक पहली बार साल 2019 में रिलीज हुई तो लोगों को एक मिडिल क्लास और सिंपल परिवार की कहानी काफी पसंद आई। लोगों ने इसे इतना प्यार दिया कि अब इसका चौथा सीजन (Gullak 4) भी आ गया है। संतोष मिश्रा के परिवार की कहानी एक बार फिर दिखाई जाएगी। शांति देवी और अन्नू मिश्रा तो अपने ही हाल में हैं लेकिन सबसे ज्यादा हालात तो अमन मिश्रा के बदले हैं। वो अब बड़े हो गए हैं। टीनेज में वो किस ओर निकल रहे हैं, ये बात उनके परिवार को खासतौर से पिता को काफी खाए जा रही है।

अमन मिश्रा का रोल हर्ष मायर (Harsh Mayar) ने किया है। 26 साल के हर्ष को सबसे ज्यादा पहचान तो बचपन में ही मिल गई थी और अब उन्हें गुल्लक से दोबारा काफी सराहा जा रहा है। बचपन में उन्होंने फिल्म आई एम कलाम में नेशनल अवॉर्ड पाया था। हालांकि इतना फेम मिलने के बाद भी उन्हें ऐसे ही आगे काम नहीं मिला था बल्कि काफी स्ट्रगल रहे हैं। पर वो अपने इस स्ट्रगल को अपनी जिदंगी का एक हिस्साभर मानते हैं।

टेंट हाउस चलाते हैं पापा
पापा का शुरू से टेंट हाउस का बिजनेस था तो मिडिल क्लास वाला पैसों का क्राइसिस उनके परिवार में हमेशा रहा था। क्योंकि ये सीजनल काम है। हालांकि हिम्मत करके एक बार हर्ष ने मन बना लिया कि वो मुंबई जाएंगे और वहीं काम करेंगे। हालांकि उनकी मां इस बात के लिए राजी नहीं हो रही थीं। लेकिन वो मुंबई आए और यहां उनका स्ट्रगल रहा।

हर्ष ने एक इंटरव्यू में बताया कि पैसे नहीं होते थे तो तमाम स्ट्रगल एक्टर्स की तरह वो भी पैदल जाकर ऑडिशन्स देते थे। वहीं उन्हें एक बार काम मिला तो उसके पैसे करीब तीन महीने बाद मिले थे। इस दौरान वो पैसे बचाने के लिए चाय बिस्किट खाकर ही सो जाते थे। लेकिन जब मम्मी का फोन आता था और वो खाने के लिए पूछती थीं तो कह देते थे कि बिरयानी खा ली है। हालांकि अब वो स्ट्रगल फेज से निकल चुके हैं।

जेल पहुंच गए थे हर्ष
हर्ष ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि जब वो रानी मुखर्जी स्टारर फिल्म हिचकी की शूटिंग कर रहे थे तो एक दिन शूटिंग सेट पर आते वक्त वो मुंबई की लोकल में चढ़े। लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया कि वो दिव्यांग रिजर्व डिब्बे में चढ़ गए हैं। कान में लीड लगाए हुए और मोबाइल देखते हुए वो इतने मग्न थे कि जब उस ट्रेन के डिब्बे से लोगों को निकाला जा रहा था तो उनका ध्यान गया।

लेकिन जब उन्हें पुलिस स्टेशन ले गए तो उन्होंने कहा कि वो गलती से चढ़ गए थे और वो एक स्पॉटबॉय हैं। उन्होंने फिर अपनी फिल्म के सेट पर फोन किया और उन्होंने ये बता दिया था कि जो वहां से उन्हें लेने आएं वो भी पुलिस स्टेशन में उन्हें स्पॉटबॉय ही कहें। हर्ष ने खुद को छुड़ाने के लिए काफी रोना धोना किया और फिल्म के सेट से लोग आए तो वो उन्हें ले गए।

ये भी पढ़ें: Srikanth Review: श्रीकांत बोला के रोल में राजकुमार राव ने जीता दिल, जिंदगी में सफल होना सिखाती है फिल्म